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निर्माण/अनुसंधान: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा ने किसानों के हित में उठाया बड़ा कदम

निर्माण/अनुसंधान: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा ने किसानों के हित में उठाया बड़ा कदम सौजन्य: www.merikheti.com पूसा/नई दिल्ली: कि...

निर्माण/अनुसंधान: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा ने किसानों के हित में उठाया बड़ा कदम

सौजन्य: www.merikheti.com

पूसा/नई दिल्ली: किसान भाइयों के लिए फसलों की कटाई के उपरांत सबसे बड़ी चुनौती उन्हें नुकसान होने से बचाने की होती है। इसके लिए बहुत से किसान कोल्ड स्टोरेज का  उपयोग करते हैं। कोल्ड स्टोरेज फसलों को संरक्षित रखने का एक अच्छा तरीका है। भारत में लाखों की संख्या में कोल्ड स्टोरेज उपलब्ध हैं। अनाज, फल और सब्जियों का भंडारण करके किसान उनको बर्बाद होने से बचा सकते हैं। इसके पश्चात उन्हें बाद में शानदार कीमतों पर बेचा जा सकता है। विगत कुछ वर्षों में किसानों का रूझान कोल्ड स्टोरेज की तरफ बढ़ा है। परंतु, कोल्ड स्टोरेज की तकनीक काफी मंहगी होने की वजह से सभी किसान इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं। ऐसे ही किसानों की सहायता के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा ने देश का सबसे सस्ता कोल्ड स्टोरेज तैयार किया है। PUSA के वैज्ञानिकों ने इसका 'पूसा फार्म सन फ्रिज' (Sun Farm Fridge) नाम रखा है। यह किसानों की फसलों को खराब होने से बचाने का एक सबसे सस्ता उपाय है। इस कोल्ड-स्टोरेज को किसान बड़ी आसानी से अपने घर पर स्थापित कर सकेंगे, जिसमें उनका कोई ज्यादा खर्चा नहीं होगा।

कोल्ड स्टोरेज की विशेषताएं क्या-क्या हैं ?

बता दें, कि किसानों को फल-सब्जियों और अनाज के नष्ट होने से काफी नुकसान होता है। परंतु, पूसा का ये कोल्ड स्टोरेज किसानों की चुनौतियों को हल कर देगा। पूसा द्वारा विकसित किए गए इस कोल्ड स्टोरेज में फल-सब्जियों को सुरक्षित रखा जा सकेगा। यदि 'पूसा फार्म सन फ्रिज' की खूबियों की बात करें तो इसे चलाने के लिए अगल से किसी बिजली या बैटरी की जरूरत नहीं होगी। इसमें 415 वॉट के 12 सोलर पैनल लगे हैं, जो इसे चलाने के लिए बिजली तैयार करते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें हर मौसम के अनुरूप तापमान एडजस्ट किया जा सकता है। यानी गर्मियों में ये अंदर से ठंडा और ठंड में अंदर से गर्म रहता है। इसकी भंडारण क्षमता 2 से 5 टन के आसपास है। इसका आकार 3x3x3 मीटर है और इसे सुगमता से कहीं भी स्थापित किया जा सकता है। इसको तैयार करने में लगभग 7 से 8 लाख रुपये का खर्चा आता है।

IARI की शोधकर्ता टीम ने हांसिल की सफलता

IARI शोधकर्ता डॉ. संगीता चोपड़ा के साथ वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस कोल्ड स्टोरेज सिस्टम को तैयार किया है। टीम में मिशिगन यूनिवर्सिटी, अमेरिका के डॉ. रैंडॉल्फ ब्यूड्री और डॉ. नॉर्बर्ट म्यूएलर भी सम्मिलित थे। 

डॉ. संगीता के मुताबिक, भारत में प्रति वर्ष हजारों टन अनाज और अन्य कृषि उत्पाद उचित देखरेख न करने के चलते नष्ट हो जाते हैं। इसके लिए किसानों के पास कोल्ड स्टोरेज की सुविधा तो है। परंतु, वह काफी महंगी है। इसको देखते हुए पूसा ने इस सस्ते कोल्ड स्टोरेज को तैयार किया है।


किसानों की परेशानी दूर होगी

बता दें, कि आईएआरआई किसानों के फायदे के लिए हमेशा रिसर्च और नए-नए प्रयोग करता रहता है। ताकि किसानों को उन्नत सुविधाएं प्राप्त कर सकें। एक अंकड़े के मुताबिक, प्रति वर्ष सही देखभाल न होने की वजह से किसानों की लगभग 10% प्रतिशत फसल खराब हो जाती है।

इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। परंतु, आईएआरआई के गहन अध्ययन और शोध के जरिए इस नई तकनीक को विकसित किया है। यह कवायद इसलिए की गई है, जिससे किसानों की लागत को कम किया जा सके और उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी हो सके।

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