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शून्य से शिखर की यात्रा करने वाले, प्रेरणा के प्रतीक हैं निशिकांत सिन्हा कुशवाहा

शून्य से शिखर की यात्रा करने वाले, प्रेरणा के प्रतीक हैं निशिकांत सिन्हा कुशवाहा बिहार के सभी जिले में होगी कुशवाहा की जन आशीर्वाद संवाद सभा...

शून्य से शिखर की यात्रा करने वाले, प्रेरणा के प्रतीक हैं निशिकांत सिन्हा कुशवाहा

बिहार के सभी जिले में होगी कुशवाहा की जन आशीर्वाद संवाद सभा

22 दिसंबर को समस्तीपुर में और 24 दिसंबर को खगरिया में होगी सभा

रिपोर्टः ठाकुर वरूण कुमार।

समस्तीपुरः बिहार की माटी से कई कामयाब लोग निकले हैं, उद्योगपति, अफसर, नेता, अभिनेता आदि लेकिन बहुत कम लोग हैं, जो अपनी माटी का कर्ज उतारने के लिए बिहार लौट कर आए हैं और यहां के लिए कुछ करना चाहते हैं।बिहार जिनके दिल में धड़कता है ऐसे व्‍यक्ति है, निशिकांत सिन्हा कुशवाहा। वे न केवल एक सफल उद्योगपति हैं, बल्कि समाज सेवा के प्रति पूरी तरह समर्पित एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं। बिहार की माटी में पले-बढ़े, उन्होंने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया है। उनका उद्देश्य है कि हर घर में रोजगार हो, हर बच्चे को शिक्षा मिले और हर परिवार को सम्मान । वे बिहार की माटी से निकले नायक काशीचक प्रखंड के भट्ठा गांव में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता पिता स्व. शशिकांत महतो और दादा स्व. बिंदा महतो के विचारों से प्रभावित हैं।बचपन से ही शिक्षा, गरीबी, और बेरोजगारी के समाधान पर विचार करते रहे हैं।

उन्होंने दिल्ली से करियर की शुरुआत की। पढ़ाई के दौरान एचआर जॉब कंसल्टेंसी की शुरुआत की। हजारों युवाओं को प्राइवेट और मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी दिलाई।यहां से उनकी समाज सेवा की यात्रा ने रफ्तार पकड़ी। गुजरात को  कर्मभूमि बनाया। गुजरात के बड़ोदरा को अपनी कर्मभूमि बनाया।आईटी सेक्टर में अनोखा योगदान देकर देश-दुनिया में बिहार का नाम रोशन किया।
 सफलता के साथ समाज के प्रति जिम्मेदारी को हमेशा प्राथमिकता दी।
 समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान दिया।गरीब बच्चों को नई दिशा दी।समाज के गरीब बच्चों को गोद लेकर उन्हें बेहतर शिक्षा दिलाई।

दिल्ली और कोटा जैसे शहरों में UPSC, IIT, और NEET की तैयारी करवाई। ये बच्चे आज डॉक्टर, इंजीनियर, और प्रशासनिक अधिकारी बनकर समाज को प्रेरणा दे रहे हैं।छात्रावास और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। गरीब छात्रों के लिए विशेष छात्रावास और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया। शिक्षा और रोजगार के लिए गांव से शहर जाने वाले बच्चों को सुविधा प्रदान की। हर व्यक्ति से जुड़ाव स्थापित करने का प्रयास किया।समाज सेवा और मानवता के प्रति उनका समर्पण इतना गहरा है कि एक बच्चे ने उनके नाम का टैटू बनवाया।यह केवल समाज के प्रति उनकी सच्ची भावना को दर्शाता है। कुशवाहा सम्राट अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य के वंशज हैं। निशिकांत का मानना है कि जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। उन्होंने हर जिले में जन आशीर्वाद संवाद सभा की शुरुआत की है।

22 दिसंबर 2024 को सुबह ग्यारह बजे से पटेल मैदान समस्तीपुर में और 24 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से कोशी काॅलेज मैदान खगरिया में उक्त सभा करेंगे। जिसमें लोगों को बिहार के लाडले निशिकांत सिन्हा कुशवाहा जी से मिलने का मौका प्राप्त होगा।कैसे उन्होंने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया उसकी कहानी प्रेरणादायक है।
यह एक ऐसा मंच है, जहां आप अपनी आवाज़ उठा सकते हैं। बिहार के भविष्य को बेहतर बनाने की यात्रा का हिस्सा बनें, यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, यह समाज और राज्य के विकास की नई शुरुआत है। यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, समाज के अधिकारों और बदलाव की शुरुआत है।

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