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बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय, बहेड़ी: स्थापना से वर्तमान तक का सफर

बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय, बहेड़ी: स्थापना से वर्तमान तक का सफर आलेख: ठाकुर वरुण कुमार। बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय, बहेड़ी, बिहार के दरभं...

बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय, बहेड़ी: स्थापना से वर्तमान तक का सफर

आलेख: ठाकुर वरुण कुमार।

बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय, बहेड़ी, बिहार के दरभंगा जिले में स्थित एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। यह महाविद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था और आज यह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू) का एक अंगीभूत महाविद्यालय है।

स्थापना और उद्देश्य

बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1970 में दरभंगा शहर के महान परोपकारी स्वर्गीय बिलट महथा द्वारा की गई थी। यह महाविद्यालय शुरू में एक संबद्ध महाविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा से वंचित ग्रामीण क्षेत्रों में सह-शिक्षा प्रदान करना था। स्वर्गीय बिलट महथा ने इस पिछड़े इलाके में उच्च शिक्षा की रोशनी फैलाने का संकल्प लिया, जहां अधिकांश छात्र गरीब और पिछड़े वर्ग से आते थे। महाविद्यालय की स्थापना में कई प्रमुख व्यक्तियों का योगदान रहा, जिनमें स्वर्गीय ठक्को साहू, स्वर्गीय रामअवतार महतो, स्वर्गीय रामचंद्र सिंह (भरवारी, बहेड़ी), श्री तेज नारायण यादव (बिहार सरकार के पूर्व मंत्री) और स्वर्गीय रामकांत झा (बिहार राज्य परिवहन निगम के पूर्व अध्यक्ष) शामिल हैं। इन व्यक्तियों ने महाविद्यालय के प्रारंभिक विकास में आर्थिक और नैतिक समर्थन प्रदान किया। महाविद्यालय की स्थापना का मुख्य फोकस गरीब, ग्रामीण छात्रों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना था। यह उस समय की एक महत्वपूर्ण पहल थी, जब बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच सीमित थी।

इतिहास और प्रमुख मील के पत्थर

महाविद्यालय की स्थापना के बाद इसका विकास तेजी से हुआ। वर्ष 1970 से 1981 तक यह एक संबद्ध महाविद्यालय के रूप में कार्य करता रहा और इस दौरान 11 वर्षों का घटनापूर्ण इतिहास रचा। वर्ष 1981 में बिहार सरकार के पत्र संख्या EDU 126 दिनांक 24.01.1981 के माध्यम से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को निर्देश दिया गया कि महाविद्यालय को अपने घटक इकाई के रूप में ले लिया जाए। परिणामस्वरूप, 02.05.1981 को महाविद्यालय एलएनएमयू का घटक महाविद्यालय बन गया। इस परिवर्तन में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने गरीब और ग्रामीण छात्रों के लिए उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया। बाद में केंद्रीय मंत्री बने डॉ. जगन्नाथ मिश्र और श्री रामविलास पासवान ने महाविद्यालय को आर्थिक और नैतिक समर्थन प्रदान किया।

वर्ष 1986 में महाविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की धारा 2 (एफ) योजना के तहत पंजीकृत किया गया (पत्र संख्या एफ. नंबर.8-53/82 (सीपी/एमपी) दिनांक 30 अप्रैल 1986) यह पंजीकरण महाविद्यालय के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिससे उसे सरकारी अनुदान और अन्य सुविधाएं प्राप्त हुईं। समय के साथ महाविद्यालय ने अपनी बुनियादी ढांचे में सुधार किया और छात्र संख्या में वृद्धि की। आज महाविद्यालय में लगभग 100 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी हैं तथा 3,000 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। महाविद्यालय ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) से 'बी' ग्रेड प्राप्त किया है, जिसका सीजीपीए 2.02 है। यह उपलब्धि महाविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को दर्शाती है। इसके अलावा, महाविद्यालय ने विभिन्न खेल, सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है।

संबद्धता और विकास क्रम

महाविद्यालय की संबद्धता ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से है, जो 1972 में स्थापित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। एलएनएमयू के घटक के रूप में बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रमों और सुविधाओं में निरंतर विस्तार किया। स्थापना के बाद से महाविद्यालय ने विज्ञान, कला और शिक्षा धाराओं में पाठ्यक्रम शुरू किए। समय के साथ कंप्यूटर केंद्र, खेल विभाग और छात्र केंद्र जैसी सुविधाएं जोड़ी गई। महाविद्यालय का परिसर 25 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें सुंदर उद्यान, पेड़ और विशाल खेल मैदान शामिल हैं। विकास के क्रम में महाविद्यालय ने छात्रों के लिए डिजिटल सुविधाएं भी उपलब्ध कराई, जैसे एबीसी आईडी (एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स) का निर्माण, जो छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेजों को अपडेट करने में मदद करता है।

पाठ्यक्रम और विभाग

बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय स्रातक स्तर पर पाठ्यक्रम प्रदान करता है। मुख्य धाराएं निम्नलिखित हैं:

  • कला (आर्ट्स): बी.ए. (ऑनर्स) इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र आदि विषयों में।

  • विज्ञान (साइंस): भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान आदि में स्रातक पाठ्यक्रम।
  • शिक्षा (एजुकेशन): बी.एड. (बैचलर ऑफ एजुकेशन) पाठ्यक्रम, जो शिक्षक प्रशिक्षण के लिए प्रसिद्ध है।

महाविद्यालय में विभिन्न विभाग हैं, जिनमें खेल विभाग, एन.एस.एस. और एन.सी.सी. विशेष रूप से सक्रिय है। पाठ्यक्रम यूजीसी और एलएनएमयू के दिशानिर्देशों के अनुसार संचालित होते हैं। प्रवेश प्रक्रिया विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित परीक्षाओं के आधार पर होती है।

सुविधाएं और बुनियादी ढांचा

बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय छात्रों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है, जो ग्रामीण क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद शहरों के कॉलेजों से मुकाबला करती हैं। प्रमुख सुविधाएं निम्न हैं:

  •  लाइब्रेरी: 10,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह, जिसमें संदर्भ अनुभाग, शब्दकोश और विश्वकोश शामिल हैं। शिक्षकों के लिए खुली पहुंच उपलब्ध है।
  • कंप्यूटर केंद्रः अत्याधुनिक भवन में स्थित, छात्रों और शिक्षकों के लिए विशेष प्रयोगशालाएं।
  • खेल विभागः विशाल खेल मैदान, जहां छात्र खेलों के माध्यम से चरित्र निर्माण करते हैं। खेल प्रदर्शन में छात्र ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं।
  • ओपन एयर थिएटरः सांस्कृतिक कार्यक्रमों, वार्षिक उत्सवों और युवा महोत्सवों के लिए उपयोगी, जो प्रकृति और ज्ञान को जोड़ता है।
  • छात्रावासः लड़कों का छात्रावास आधुनिक रसोई, विशाल डाइनिंग हॉल और सुसज्जित कमरों (बिस्तर, टेबल, कुर्सी, छत के पंखे) से युक्त। लड़कियों का छात्रावास लगभग 100 छात्राओं को समायोजित करता है। दोनों छात्रावासों में सफाई और रंग-रोगन पर ध्यान दिया जाता है।
  • कैफेटेरियाः छात्रों के लिए सामाजिक केंद्र, जहां नोट्स साझा करने और यादगार अनुभव बनाने का अवसर मिलता है।
  • स्मार्ट वर्ग कक्षः महाविद्यालय ने हाल में ही कई अत्याधुनिक स्मार्ट वर्ग कक्ष का निर्माण करवाया है जिससे छात्र-छात्राओं को आधुनिक तरीकों से शिक्षा प्रदान करके उनकी क्षमताओं में वृद्धि की जा रही है।
  • अन्य सुविधाएं: छात्र केंद्र (सेमिनार कक्ष, कंप्यूटर कक्ष, फोटोकॉपियर), अच्छी तरह सुसज्जित प्रयोगशालाएं, सभागार, कैंटीन और सांस्कृतिक क्षेत्र। कक्षाएं बड़ी और वातानुकूलित हैं, जो अध्ययन पर फोकस करने के लिए डिजाइन की गई हैं।

शिक्षक और कर्मचारी

महाविद्यालय के वर्तमान प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) कुशेश्वर यादव हैं जो छात्र हित में सभी आवश्यक बदलाव और साधन उपलब्ध करवाने को तत्पर दिखते हैं। साथ ही, यहाँ लगभग 100 सदस्यों की टीम है, जिसमें योग्य शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी शामिल हैं। शिक्षक छात्रों को उदार, जीवंत और प्रतिस्पर्धी वातावरण प्रदान करते हैं। महाविद्यालय वार्षिक रूप से शैक्षणिक और पाठ्येतर उपलब्धियों के लिए पुरस्कार प्रदान करता है।

उपलब्धियां, घटनाएं और कार्यक्रम

बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। एनएएसी 'बी' ग्रेड प्राप्त करना एक प्रमुख मील का पत्थर है। जहाँ छात्र खेलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और युवा महोत्सवों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। महाविद्यालय में वार्षिक उत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं। कई पूर्व छात्र विभिन्न क्षेत्रों में सफल हैं, जो महाविद्यालय की मजबूत नींव को दर्शाते हैं।

वर्तमान स्थिति और भविष्य

वर्तमान में बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय एक जीवंत शैक्षणिक केंद्र है, जो छात्रों को उनके चुने हुए क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। महाविद्यालय का वातावरण अनुकूल और समृद्ध है, जो शैक्षणिक और पाठ्येतर रिकॉर्ड को उत्कृष्ट बनाता है। भविष्य में महाविद्यालय और अधिक डिजिटल सुविधाएं, नए पाठ्यक्रम और बुनियादी ढांचे का विस्तार करने की योजना रखता है। बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय, बहेड़ी की यात्रा स्थापना से लेकर अब तक प्रेरणादायक रही है। एक छोटे से संबद्ध महाविद्यालय से शुरू होकर आज यह एक पूर्ण विकसित संस्थान है, जो ग्रामीण भारत में शिक्षा की मशाल जला रहा है। इसकी सुविधाएं और इतिहास इसे एक आदर्श शैक्षणिक केंद्र बनाते हैं। महाविद्यालय का योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

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