प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा कवि-सम्मेलन का आयोजन रिपोर्टः रंजीत डे। पटनाः पुस्तक मेला में प्रगतिशील लेखक संघ की पटना इकाई द्वारा कवि सम्मेलन क...
प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा कवि-सम्मेलन का आयोजन
रिपोर्टः रंजीत डे।
पटनाः पुस्तक मेला में प्रगतिशील लेखक संघ की पटना इकाई द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का आरंभ बिहार प्रलेस के सचिव-मंडल सदस्य गजेंद्र कान्त शर्मा के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने कहा कि यह कवि सम्मेलन इस अर्थ में महत्वपूर्ण है कि इस सम्मेलन में हमें उन महत्वपूर्ण कवियों की विविधवर्णी कविताओं को सुनने का मौका मिला है जो पटना के बाहर से आए हुए हैं। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के वरिष्ठ कवि रमेश ऋतंभर ने की एवं संचालन चर्चित कवि एवं आलोचक चंद्रबिंद ने किया।
चर्चित कवि विनय सौरभ ने ‛गरीब रिश्तेदार’, कुमार बिंदु ने ‛शिवालय में बैल और मौसम, स्मिता गुप्ता ने ‛मेरी देह और ‛प्रेम चदरिया’, लक्ष्मीकांत मुकुल ने ‛कुछ ही देर पहले’, अरविंद पासवान ने ‛पूंजी'’ और ‛माई’, अरुण शितांश ने ‛बाबू जी’ एवं ‛सांवली रात’ रमेश ऋतम्भर ने ‛एक पिछड़े हुए आदमी की कथा’, ‛मेरा बयान', ‛मेरा कुछ नहीं’ शीर्षक कविताओं का पाठ किया। युवा कवि परितोष, कुमार अनिल ने भी काव्य-पाठ किया। इस मौके पर ‛देशज’ पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया। अंत में पटना प्रगतिशील लेखक संघ के वरिष्ठ कवि राजकिशोर राजन ने अतिथि कवियों एवं श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित कर कवि-सम्मेलन का समापन किया।
कोई टिप्पणी नहीं