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चिकित्सक द्वारा मृत घोषित करते ही शव अस्पताल में तैनात पुलिस की अभिरक्षा में चला गया फिर मैनेजर शव को लेकर कैसे फरार हो गये: सुरेंद्र

चिकित्सक द्वारा मृत घोषित करते ही शव अस्पताल में तैनात पुलिस की अभिरक्षा में चला गया फिर मैनेजर शव को लेकर कैसे फरार हो गये: सुरेंद्र रिपोर्...

चिकित्सक द्वारा मृत घोषित करते ही शव अस्पताल में तैनात पुलिस की अभिरक्षा में चला गया फिर मैनेजर शव को लेकर कैसे फरार हो गये: सुरेंद्र

रिपोर्टः एस. भारती।

समस्तीपुरः सरसौना स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री में ट्रक और दीवार के बीच दबकर मरे मजदूर को जब सेफ्टी मैनेजर आदित्य कुमार झा सदर अस्पताल लाये। चिकित्सक ने मजदूर को मृत घोषित कर दिया। नियमानुसार शव अस्पताल में तैनात पुलिस अभिरक्षा में चला गया। फिर सेफ्टी मैनेजर शव को अस्पताल से लेकर कैसे फरार हो गये और शव ले भी गये तो फैक्ट्री जाना चाहिए, शवयुक्त एंबुलेंस को लेकर कैसे वैशाली के डभैत पहुंच गये। चर्चानुसार पहले दुर्घटना में मरे मजदूरों के शव को जैसे दूर ले जाकर ठीकाना लगाते थे, इस बार भी वैसे ही वैशाली के डभैत चौर में ठीकाना लगाने की मैनेजर की मंशा थी, लेकिन उसके उसके चचेरे भाई नागेंद्र कुमार ने ठीकाना लगाने से इंकार कर दिया। मैनेजर ने उसकी पिटाई कर दी। सारा भेद खुल गया, ग्रामीणों ने शव को लेकर पुनः फैक्ट्री आ गये। लोगों ने मैनेजर के इस रवैया पर हंगामा किया, पुलिस लाठीचार्ज कर हंगामा शांत कराना चाही। भीड़ में घूसे असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। कई थाने की पुलिस ने मामले को शांत कराने में सफलता पाई। उक्त आशय की जानकारी भाकपा माले के 5 सदस्यीय जांच दल क्रमशः ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, आसिफ होदा, प्रभात रंजन गुप्ता, मो० क्यूम, सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने दी। जांच दल के नेतृत्वकर्ता भाकपा माले प्रखंड सचिव सह समस्तीपुर जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि इससे पूर्व भी 2 अक्टूबर 2023 को मुजफ्फरपुर के मनियारी निवासी ट्रक चालक मो० यूसूफ की मौत हुई थी। मैनेजर-प्रशासन-जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में 6 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनी थी, लेकिन मैनेजर द्वारा दिया गया चेक खाता में पैसा नहीं रहने के कारण बाउंस कर गया। कई बार मो० यूसूफ की विधवा पैसा लेने आई और रो-विलख कर वापस लौट गई। मैनेजर ने फैक्ट्री की शुरुआत में स्थानीय लोगों को नियुक्त किया था, लेकिन धीरे-धीरे हटाता चला गया। मैनेजर के हठधर्मिता एवं वादाखिलाफी से लोग आक्रोशित थे। इससे लोगों का ग़ुस्सा प्रस्फुटित हुआ। भाकपा माले नेता ने घटना के जिम्मेवार मैनेजर पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने, निर्दोष लोगों का नाम एफआईआर से हटाने एवं गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग प्रशासन से की है और ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की राह अख्तियार करने की चेतावनी दी है।

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