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उप मुख्यमंत्री सह भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री ने किया जन कल्याण संवाद का आयोजन

उप मुख्यमंत्री सह भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री ने किया जन कल्याण संवाद का आयोजन "मैं रहूं न रहूं मगर व्यवस्था बनी रहे" ताकि लोगों...

उप मुख्यमंत्री सह भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री ने किया जन कल्याण संवाद का आयोजन

"मैं रहूं न रहूं मगर व्यवस्था बनी रहे" ताकि लोगों की जमीन संबंधी समस्या का आसानी से समाधान होता रहे – विजय कुमार सिन्हा

जन कल्याण संवाद में मंत्री व अन्य

मुजफ्फरपुर: ऐसी व्यवस्था बनाना चाहता हूं कि मैं रहूं न रहूं व्यवस्था बनी रहे ताकि लोगों की जमीन संबंधी समस्या का आसानी से समाधान होता रहे। उप मुख्यमंत्री सह मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण सिंह प्रेक्षा गृह में आयोजित जनकल्याण संवाद के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि यह पहल महज औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने, समझने और नियम सम्मत समाधान सुनिश्चित करने का गंभीर प्रयास है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भाषण देना नहीं, बल्कि जमीन से जुड़ी वास्तविक समस्याओं का फीडबैक लेना और प्राथमिकता के आधार पर उनका समाधान करना है।

बताते चलें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सह मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विजय कुमार सिन्हा ने मुजफ्फरपुर स्थित भीम राव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय परिसर स्थित श्री कृष्ण सिंह प्रेक्षागृह में आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण संवाद की शुरुआत करते हुए कहा कि राज्य में राजस्व एवं भूमि सुधार व्यवस्था को जनोन्मुखी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से भूमि सुधार जनकल्याण संवाद की शुरुआत की गई है।

इस अवसर पर उन्होंने सरकारी जमीन की जमाबंदी निजी नाम से करने वालों की जानकारी देने वालों को सम्मानित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आमलोगों की सर्वाधिक शिकायत दाखिल–खारिज, परिमार्जन प्लस और ई मापी को लेकर है। इसलिए पहले 100 दिनों में विभाग ने तीन प्रमुख समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इनमें दाखिल-खारिज, परिमार्जन और ई मापी सबसे महत्वपूर्ण है।

श्री सिन्हा ने बताया कि कार्यकाल के पहले 100 दिनों में वे पहले प्रमंडलवार और फिर जिलावार जनता के बीच जाकर संवाद करेंगे। ताकि भूमि विवाद, जनशिकायत और विभागीय कार्यप्रणाली से जुड़ी मूलभूत अड़चनों को समझा जा सके और सभी परेशानियां दूर की जा सकें। इस पहल की शुरुआत 12 दिसंबर को पटना से हुई।

इसी क्रम में 18 दिसंबर को राज्य भर के सभी अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अंचलाधिकारी के साथ पटना में कार्यशाला आयोजित कर सभी समस्या का समय सीमा में निष्पादन के निर्देश दिए गए।

उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने कहा कि विभाग की कार्यव्यवस्था के केंद्र में बिहार की जनता है। उनको पारदर्शी, जिम्मेदार और ईमानदार व्यवस्था देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार के दलाल, बिचौलिये या भू-माफिया की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए सभी अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों की दिसंबर माह की छुट्टियां रद्द की गई हैं। अंचल कार्यालयों में नियम, प्रक्रिया और सेवाओं की जानकारी बैनर-पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शित करने तथा सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक, सप्ताह में 6 दिन जनता के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने बताया कि अधिकारी, कर्मचारी और आम नागरिक किसी भी परिस्थिति में परेशान नहीं होंगे और गलत करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। नियम से चलने वालों को समय पर न्याय मिलेगा, क्योंकि न्याय में देरी भी अन्याय के समान है। इससे असंतोष फैलता है। असंतोष से अराजकता की स्थिति बनती है। हमारा उद्देश्य इसी स्थिति को दूर करना है।

उन्होंने कहा कि बेवजह आवेदन रिवर्ट करने की प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए। क्षेत्रीय पदाधिकारियों से विभाग की स्पष्ट अपेक्षा है कि समय–सीमा में दाखिल-खारिज और परिमार्जन का निष्पादन हो। इससे त्रुटिरहित और समयबद्ध जमाबंदी होगी और किसानों को योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा।

उन्होंने कहा कि ई मापी का कार्य ऑनलाइन हो और उसका रिपोर्ट ऑनलाइन किया जाय। सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। फर्जी दस्तावेजों के जरिए विवाद बढ़ाने वालों पर सख्ती बरती जाय।

उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालयों को दलाल और भू-माफिया मुक्त बनाने के लिए डीएम और एसपी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने स्पष्ट रूप से कहा कि फीडबैक केवल वरीय पदाधिकारियों से नहीं, बल्कि सीधे आम जनता से भी लिया जाएगा। बेहतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहन और पुरस्कार मिलेगा, जबकि विभाग की छवि धूमिल करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि 14 जनवरी तक हर अंचल और हल्के में सकारात्मक बदलाव दिखना चाहिए। किसी भी तरह की लापरवाही या अनैतिक व्यवहार पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जनवरी में फिर से मुजफ्फरपुर की समीक्षा की जाएगी। इससे पहले श्री सिन्हा का भव्य स्वागत किया गया तत्पश्चात प्रधान सचिव सीके अनिल ने स्वागत भाषण किया। वहीं ओएसडी अनुपम प्रकाश ने विभिन्न विभागीय कार्यों का ब्योरा प्रस्तुत किया ।

मौके पर विभाग के सचिव जय सिंह, गोपाल मीणा, तिरहुत के प्रमंडलीय आयुक्त हिमांशु कुमार राय, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, एसएसपी सुशील कुमार, अपर सचिव आजीव वत्सराज, उप निदेशक मोना झा, विशेष कार्य पदाधिकारी अनुपम प्रकाश, सहायक निदेशक सुधांशु शेखर, सुमीत कुमार आनंद, सहायक निदेशक सह जनसंपर्क पदाधिकारी जूही कुमारी, आईटी मैनेजर आनंद शंकर इत्यादि उपस्थित रहे।

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