लोकसभा चुनाव 2024: समस्तीपुर में दलित का नेता कौन? चिराग पासवान या महेश्वर हजारी... रिपोर्ट: एस. भारती। समस्तीपुर: लोकसभा में मतदान का चंद घ...
लोकसभा चुनाव 2024: समस्तीपुर में दलित का नेता कौन? चिराग पासवान या महेश्वर हजारी...
रिपोर्ट: एस. भारती।
समस्तीपुर: लोकसभा में मतदान का चंद घंटे ही शेष रह गया है, जहां सोमवार को सुबह के सात बजे से मतदान आरम्भ होगा। समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा में जदयू के दो मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी इण्डिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी हैं तो वहीं अशोक चौधरी के पुत्री शाम्भवी चौधरी लोजपा (रा) के प्रत्याशी हैं। समस्तीपुर लोकसभा में जदयू मंत्री के संतानों के लड़ने से समस्तीपुर हॉट सीट बना हुआ है। वहीं बिहार के दो वरिष्ठ दलित नेता लोजपा (रा) के सुप्रीम चिराग पासवान एवं जदयू के वरिष्ठ मंत्री महेश्वर हजारी लगभग समस्तीपुर में आमने सामने हैं। जिसको लेकर समस्तीपुर का सीट चिराग पासवान व महेश्वर हजारी के लिए प्रतिष्ठा बना हुआ है। वर्तमान राजनीति में दोनों नेता अपने आप को बिहार दलित का असली हितैषी बता रहे हैं। अब देखना है कि समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा में जनता सोमवार को वोट के चोट से किसे दलित नेता की उपाधि देगें।
समस्तीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी में रतन बिहारी, मुकेश चौपाल, विद्या नन्द राम, अमृता कुमारी, राम लखन महतों, पिन्कु पासवान, रवि रोशन कुमार, सन्नी हजारी, जीबछ कुमार हजारी, शाम्भवी चौधरी, शशिभूषण दास एवं लालबाबू महतों चुनावी मैदान में जोर आजमाइश कर रहे हैं। इस चुनाव में मुख्य रूप से इण्डिया गठबंधन के सन्नी हजारी एवं एनडीए गठबंधन के शाम्भवी चौधरी के बीच सीधा मुकाबला होना तय माना जा रहा है। वैसे 2024 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा सीट से जहां एक तरफ लोजपा (रा) पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से अपने प्रत्याशी शाम्भवी चौधरी को जीत दिलाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इण्डिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी सन्नी हजारी को जीत के लिए कोई कोर कसर छोड़ने की फिराक में नहीं है। बिहार दलित नेता के रूप में प्रसिद्ध रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान ने समस्तीपुर लोकसभा सीट पर अपने परिवार के विरासत को ही संसद बनाने के लिए समस्तीपुर को बारिकी से सींचा था। जिसे लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान ने 2024 के लोकसभा चुनाव में परिवार को दरकिनार करते हुए जदयू के मंत्री अशोक चौधरी के पुत्री शाम्भवी चौधरी को लोजपा (रा) से टिकट देकर समस्तीपुर में जीत दिलाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। जिसको लेकर समस्तीपुर लोकसभा सीट चिराग पासवान के लिए प्रतिष्ठा बन चुका है। वहीं दूसरी ओर समस्तीपुर में लोजपा (रा) प्रत्याशी को लेकर एनडीए गठबंधन के सहयोगियों को भी सहेजना चिराग पासवान के लिए टेढ़ी खीर के समान है । हालांकि एनडीए गठबंधन की तरफ से एक जुटता की बात कही जा रही है। लेकिन इसके बाबजूद भी बताया जा रहा है कि पार्टी प्रत्याशी को लेकर कुछ लोजपा (रा) खेमा तो कुछ रालोजपा खेमा, कुछ जदयू खेमा तो कुछ भाजपा खेमा में प्रत्याशी को लेकर चिराग पासवान के प्रति नाराजगी है। वहीं बताया जाता है कि समस्तीपुर लोकसभा के निवर्तमान सांसद प्रिंस राज को टिकट से मरहूम होना चिराग पासवान के लिए एक बड़ा चुनौती है। अब देखना है कि इस सब चुनौतियों को स्वीकार करते हुए चिराग पासवान अपने पिता के द्वारा बनाये गए विरासत समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट से एनडीए प्रत्याशी को जीत दिला पाते हैं कि नहीं?
चुनाव की तपीश में सभी प्रत्याशी अपना - अपना जोर आजमाइश में दिन रात एक किये हुए हैं। दबी जुबान को लिया जाए तो पार्टी प्रत्याशी को समस्तीपुर लोकसभा में अपनों से ही भीतरघात का सामना से इंकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि घटक दलों के नेताओं में ही अपने अपने सम्मान को लेकर एक दूसरे से नाराजगी चल रही है। जिसका खामियाजा पार्टी प्रत्याशी को चुनाव में भुगतना पड़ेगा। ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो समय आने पर पता चलेगा कि समस्तीपुर लोकसभा की जनता किस ओर करवट लेंगे। समस्तीपुर लोकसभा में ग्रामीण जनता का खामोशी पार्टी प्रत्याशी के धड़कन को तेज कर रखा है।
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