संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री घेराव में किसानों को मिली भारी सफलता रिपोर्टः रंजीत डे। पटनाः मुख्यमंत्री के घेराव में पटना पहुंचे ह...
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री घेराव में किसानों को मिली भारी सफलता
रिपोर्टः रंजीत डे।
पटनाः मुख्यमंत्री के घेराव में पटना पहुंचे हजारों किसानों को काफी जद्दोजहद के बाद उस समय बड़ी सफलता मिली जब मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि सभी सरकारी योजनाओं में भूमि अधिग्रहण के क्रम में 2013 में जमीन की जो कीमत थी, उसमें हर साल चक्रवृद्धि ब्याज के साथ 10% की बढ़ोतरी के आधार पर मूल्य निर्धारित कर उसका चार गुना किसानों को भुगतान होगा। चाहे भारतमाला की सड़कें हो या एनएचआई की सड़कें।बक्सर थर्मल पावर से लेकर तमाम सरकारी योजनाओं पर यह नियम लागू होगा।
प्रतिनिधि मंडल में गए किसान नेताओं ने मुख्य सचिव से विस्तार पूर्वक15 सुत्री मांगों को प्रस्तुत किया। मुख्य सचिव ने किसान नेताओं से सारी बातें विस्तार से सुनने के बाद बताया कि भारतमाला के तहत बन रहे सड़कों में सर्विस रोड का प्रावधान नहीं दिया गया है। बिहार सरकार की ओर से किसानों और स्थानीय लोगों की सहायता के लिए केंद्र से सर्विस रोड बनाने की मांग की है । इससे गांव के लोगों के आलावा खेती करने वाले किसानों को भी लाभ होगा। एन एच 319ए के रूट बदलने के प्रस्ताव को भी उन्होंने माना कि गांव से बाहर कर्मनाशा के किनारे से सड़क बनेगा तो प्रगति और विकास के अवसर मिलेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा बनारस से कोलकाता तथा आमस से दरभंगा सड़क निर्माण में औरंगाबाद के कुटुंबा एवं नवीनगर प्रखंड के पांडे कर्मा, इगनू डीहबार,दरियापुर सिंघना, सोनबरसा गांव, पटना जिला के फतुहा के विभिन्न गांवों में एवं कैमूर जिला में किसानों के लहलहाती फसलों को प्रशासन द्वारा रौंदने की शिकायत पर उन्होंने कहा इसकी जांच और आवश्यक कार्रवाई होगी। यदि यह सच पाया गया तो किसानों को उसकी क्षतिपूर्ति मिलेगा।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने यह भी कहा कि बकास और गैर मजरुआ खास जमीन को नियमानुकूल होने पर उसका रैयतीकरण का काम प्राथमिकता के आधार पर और जरूरत पड़ा तो कैंप लगाकर पूरा किया जाएगा।
डेहरी से आरा एन एच 119ए में भुमि अधिग्रहण में किसानों की शिकायत को अलग से आवेदन देने तथा कार्रवाई का आश्वासन दिया। जब मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को अब नए सिरे से भूमि के दर का निर्धारण होगा।
प्रतिनिधि मंडल में गए तमाम किसान नेता इस बात पर अड़े रहे कि हम औने-पौने भाव में अपनी जमीन को किसी को लुटने नहीं देंगे और उसकी रक्षा के लिए अपनी जान की भी बाजी लगा देंगे। इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि हम भी नहीं चाहेंगे कि सरकार के गलत फैसले से किसान को नुक्सान हो।
यह विदित है कि संयुक्त किसान किसान मोर्चा,बिहार के आह्वान पर मुख्यमंत्री का घेराव कार्यक्रम में कल बुद्ध स्मृति पार्क से हजारों-हजार किसानों का विशाल कारवां संयुक्त किसान मोर्चा बिहार का बैनर लेकर मुख्यमंत्री का घेराव करने के लिए आगे बढ़ा,कारवां जब डाक बंगला चौराहा पर पहुंचा तो पहले से पुलिस वेरीकेट लगाकर रास्ता रोका।भारी पुलिस बंदोबस्त कर जबरन किसानों को आगे बढ़ने नहीं दिया।परन्तु किसान मुख्यमंत्री तक जाकर अपनी मांगों को सुनाने पर अडिग थे।अंत में किसानों ने दिल्ली की तरह डाक बंगला चौराहा पर ही धरना पर बैठ गए। उपस्थित मजिस्ट्रेट ने परिस्थितियों को समझ कर आला अधिकारीयों को सारी वस्तुस्थिति की जानकारी दी। उन्होंने डीएम पटना को मांग पत्र समर्पित करने का प्रस्ताव दिया। मगर आंदोलनकारियों ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि जब तक मुख्यमंत्री से बात नहीं होगी। हम लोग यहां से नहीं हटेंगे।बाद में प्रशासन ने जब मुख्यमंत्री की अस्वस्थता की बात कही तो संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आपस में राय कर मुख्य सचिव से मिलने का प्रस्ताव दिया।जिसे चंद ही मिनटों में स्वीकार किया गया। मुख्य सचिव के यहां प्रतिमंडल चलने का आग्रह किया गया।
तदनोपरांत 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें किसान नेता सांसद सुधाकर सिंह,दिनेश कुमार,अशोक प्रसाद सिंह,अखलाक अहमद,अनिल कुमार सिंह,राजकुमार सिंह,चंद्रशेखर यादव,राम प्रवेश सिंह,देव कुमार यादव,पशुपति सिंह,कल्लू सिंह, अनिल कुमार और चंदन कुमार मुख्य सचिव से मिलने प्रशासन द्वारा उपलब्ध गाड़ी से गए। 15 सूत्री मांग पत्र मुख्य सचिव को सौंपा गया। एक-एक मांग पर क्रमबद्ध वार्ता हुई। उन्होंने इस पर ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया।
इस प्रकार सभी मांगों पर बारी-बारी से वार्ता के बाद प्रतिनिधिमंडल संतुष्ट होकर धरना स्थल की ओर प्रस्थान किए। वार्ता में हुई सफलता का प्रतिनिधिमंडल की ओर से सांसद सुधाकर सिंह, दिनेश कुमार, अशोक प्रसाद सिंह, अनिल कुमार सिंह, चंद्रशेखर यादव और अनिल कुमार ने धरना पर बैठे किसानों को वार्ता की सफलता का विस्तार से चर्चा किया और धरना समाप्ति की घोषणा हुई। किसान गर्मजोशी के साथ नारा लगाते हुए डाक बंगला चौराहा से अपने-अपने घर की ओर प्रस्थान किया।
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