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ये लगा "बीएसएनल चौका कनेक्टिंग इंडिया": एक यादगार खिलाड़ी विरेंद्र सहवाग

ये लगा "बीएसएनल चौका कनेक्टिंग इंडिया": एक यादगार खिलाड़ी विरेंद्र सहवाग आलेख: ठाकुर वरुण कुमार। वह भारतीय टीम के लिए पारी की शुरु...

ये लगा "बीएसएनल चौका कनेक्टिंग इंडिया": एक यादगार खिलाड़ी विरेंद्र सहवाग

आलेख: ठाकुर वरुण कुमार।

वह भारतीय टीम के लिए पारी की शुरुआत किया करते थे लेकिन उनकी बल्लेबाजी देखकर किसी को भी किसी मुकाबले का आखिरी ओवर होने का भ्रम हो सकता था और जब तक वह क्रीज पर रहते थे ऐसा लगता था मानो वह पारी की आखिरी गेंद का समाना कर रहे हैं। 

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली "दादा" ने उनको दुनिया के किसी भी गेंदबाज को सरेआम पहली ही गेंद से पीट डालने की खुली छूट दे रखी थी भले ही इस कोशिश में वह शून्य पर आउट हो या 300 प्लस रनों की पारी खेल जाए। वह जमाना भी क्या जमाना था जब सौरव गांगुली टीम इंडिया के कप्तान हुआ करते थे। 

टेस्ट क्रिकेट हो या वनडे क्रिकेट हो जब भी टीम इंडिया का मैच होता था तो सबकी जुबान पर यही होता था कि अगर आज वीरेंद्र सहवाग चल गए तो मुकाबला टीम इंडिया के पक्ष में ही होगा। उन दिनों सहवाग भारतीय क्रिकेट के हिटमैन थे। 

पहली ही गेंद से चौके और छक्के मारने का खुला लाइसेंस पाने के बाद वीरेंद्र सहवाग विपक्षी टीमों के लिए काल बन गए थे। सहवाग की बल्लेबाजी जब तक चलती थी लोगों की धड़कने हर गेंद पर बड़ी रहती थी। वक्त थम सा जाता था और कोई भी कितना ही महत्वपूर्ण काम क्यों न कर रहा हो जब तक सहवाग क्रीज पर रहते थे रेडियो पर ही सबके काम लगे रहते थे। 

उन दिनों पहले ही ओवर में कभी-कभी तो 5 बार भी ये बीएसएनल चौका कनेक्टिंग इंडिया का प्रचार सुनने को मिल जाया करता था। यह खूबी वीरेंद्र सहवाग की थी। दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट हो रहा हो या ऑस्ट्रेलिया की धरती पर जब सहवाग खेलते थे तो उसे टी20 ही बना देते थे। सहवाग ही वह बल्लेबाज थे जिनके लिए कई बार क्लास रूम में ही मफलर के अंदर ईयरफोन लगाकर रेडियो पर कमेंट्री सुनने की कोशिश किया करते थे और पकड़े जाने पर जमकर धुनाई होती थी। 

भारतीय टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट क्रिकेट में एक ही दिन में खेली गई उनकी 195 रनों की पारी कौन भूल सकता है जिसमें उन्होंने दोहरे शतक के पूरे होने की परवाह किए बिना पार्टटाइम गेंदबाज साइमन कैटिच की फुलटॉस गेंद पर छक्का लगाने की कोशिश की थी और बाउंड्री पर कैच आउट हुए थे। 

अगर कोई भारतीय बल्लेबाज क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के जमाने में भी उनकी ही तरह की लोकप्रियता हासिल करने में सफल हो जाए तो वह कभी कोई मामूली बल्लेबाज हो ही नही सकता। उन दिनों हमारे लिए वीरेंद्र सहवाग और उनकी बल्लेबाजी ही एक टी20 मुकाबले के समान थी जिसे देखने को लाखों करोड़ों लोग बेचैन रहते थे। सहवाग के सन्यास के बाद भारतीय टीम में रोहित शर्मा और अब यशस्वी जायसवाल और अभिषेक शर्मा अपनी बल्लेबाजी से सहवाग की ओपनिंग विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। 

#VirenderSehwag

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