बायो-हैप्पीनेस की अवधारणा: जैव विविधता से आगे की सोच: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन जन्मशताब्दी: कृषि मंत्री ने बताय...
बायो-हैप्पीनेस की अवधारणा: जैव विविधता से आगे की सोच: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा
डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन जन्मशताब्दी: कृषि मंत्री ने बताया – खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ने का समय
रिपोर्ट: रंजीत डे।
पटना: उप-मुख्यमंत्री -सह- कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने महान कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे केवल वैज्ञानिक नहीं, बल्कि भारतीय कृषि क्रांति के महान मार्गदर्शक थे। उनके वैज्ञानिक योगदान ने न केवल देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया, बल्कि करोड़ों किसानों के जीवन को भी संबल दिया।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज जब वैश्विक स्तर पर जैव विविधता की रक्षा की चर्चा हो रही है, तब डॉ. स्वामीनाथन ने उससे भी आगे बढ़ते हुए "बायो-हैप्पीनेस" की अवधारणा दी — जो किसान, पर्यावरण और समाज के बीच संतुलन का मंत्र है। यह विचार आज की जलवायु चुनौतियों और बदलते कृषि परिदृश्य में और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय बढ़ाने, लागत घटाने और उनके लिए नई आजीविका के अवसर पैदा करने पर लगातार कार्य कर रही है। डॉ. स्वामीनाथन के सिद्धांतों से प्रेरित होकर बिहार में कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली पीढ़ी के वैज्ञानिकों ने खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया, लेकिन अब समय है कि देश पोषण सुरक्षा (Nutritional Security) की दिशा में निर्णायक पहल करे। डॉ. स्वामीनाथन की सोच और दृष्टिकोण आज भी वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं और किसानों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
उन्होंने देश के वैज्ञानिक समुदाय से आह्वान किया कि वे इस अवसर पर संकल्प लें कि वे डॉ. स्वामीनाथन के अधूरे कार्य को आगे बढ़ाते हुए समावेशी, सतत और पोषणयुक्त कृषि विकास की नई इबारत लिखें।
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